गूगल ग्लास के बाद गूगल का नया प्रोजक्ट सोली
गूगल ग्लास के बाद गूगल का नया प्रोजक्ट सोली
अगर गूगल अपनी इस नई तकनीक को पेश करता है, तो हमारा भविष्य किसी साई-फाई फिल्म से कम नहीं होगा। रोबोट चीता और गूगल 'ग्लास' के बाद गूगल अब सच में एक अद्भुत तकनीक लाने की तैयारी में है।
गूगल का नया प्रोजेक्ट सोली काम-काज का एक नया तरीका होगा, इस सेंसर में रडार टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है जो उंगलियों की हरकतों को प्रति सेकंड 10,000 फ्रेम दर से रिकार्ड कर सकता है।
यह तकनीक इससे पहले कभी इस्तेमाल नहीं की गई है। आसान और सीधे शब्दों में कहें, तो इस तकनीक के जरिए आप किसी भी डिवाइस को बिना टच किए आपरेट कर सकते हैं।
गूगल का नया प्रोजेक्ट सोली काम-काज का एक नया तरीका होगा, इस सेंसर में रडार टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है जो उंगलियों की हरकतों को प्रति सेकंड 10,000 फ्रेम दर से रिकार्ड कर सकता है।
यह तकनीक इससे पहले कभी इस्तेमाल नहीं की गई है। आसान और सीधे शब्दों में कहें, तो इस तकनीक के जरिए आप किसी भी डिवाइस को बिना टच किए आपरेट कर सकते हैं।
कैसे काम करती है यह तकनीक
यह सेंसर लगभग एक छोटे से कंप्यूटर चिप के आकार का है। इस तकनीक के जरिए आपका हाथ एक वर्चुअल डायल मशीन की तरह काम करेगा। इसके जरिए आप स्पीकर की आवाज को घटा-बढ़ा सकते हैं, स्मार्टवॉच या स्मार्टफोन स्क्रीन एक आभासी टचपैड से नियंत्रित कर सकते हैं। यह तकनीक कैसे काम करती है यह समझने के लिए GIF तस्वीर को देखें।
यह छोटी सी चिप वास्तव में एक छोटा सा जेस्चर रडार है जोकि अविश्वसनीय हाइपर स्पीड पर सबसे जटिल हाथ के इशारों को समझता है। चिप बेहद छोटे आकार की वजह से किसी में जगह फिट हो सकती है। अगर यह तकनीक हकीकत बनकर सामने आती है तो फिर किसी डिवाइस को संचालित करने के लिए अनावश्यक छूने की जरूरत नहीं होगी।
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