क्या धोखा देकर स्मार्टफोन के फिंगरप्रिंट सेंसर को अनलॉक कर सकते हैं?
क्या धोखा देकर स्मार्टफोन के
फिंगरप्रिंट सेंसर को अनलॉक कर सकते हैं?
क्या स्मार्टफ़ोन के फ़िंगरप्रिंट सेंसर को धोखा दिया जा सकता है? 22 फरवरी से शुरू हुए मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस 2016 में सेंसर बनाने वाली एक कंपनी ने दावा किया अधिकांश फ़िंगरप्रिंट सेंसर अपने उद्देश्य में नाकाम रहते हैं।
बायोमीट्रिक कंपनी वकांसी ने उपभोक्ताओं को आगाह किया कि कैसे मौजूदा स्मार्टफ़ोन फ़िंगरप्रिंट सेंसर को क्ले से बनी बनावटी उंगलियों की मदद से धोखा दिया जा सकता है।
कंपनी ने बताया कि बनावटी उंगलियों की नकल ख़राब होती है इसके बावजूद ये कई फ़ोन के फ़िंगरप्रिंट सेंसर को धोखा दे सकती हैं।
हाई रेजोल्यूशन फ़िंगरप्रिंट रीडर निर्माता वकांसी ने बीबीसी को बताया, "लोअर रिजोल्यूशन सेंसर को क्ले मोल्डिंग की मदद से बनाई गई उंगलियां बेवकूफ बना सकती हैं।"
सेंसर फर्म वकांसी का दावा है कि इसका हाई रेजोल्यूशन रीडर झूठे फ़िंगरप्रिंट को पकड़ने में माहिर है।
वकांसी अध्यक्ष जेसन चैकी कहते हैं, "हमारा डिवाइस अलग है। माइक्रो-फ़ीचर्स को पकड़ने में जितने रिजोल्यूशन की ज़रूरत होती है उससे इसका रिजोल्यूशन चार गुना अधिक है। इनका झूठा फ़िंगरप्रिंट तैयार करना बहुत मुश्किल है।"
किसी व्यक्ति के मोबाइल में घुसना वैसे तो कोई खास मायने नहीं रखता, लेकिन जैसे ही मोबाइल से पेमेंट की बात आती है बनावटी फ़िंगरप्रिंट के ख़तरे बढ़ जाते हैं।
क्ले मोल्डिंग से नकली फ़िंगर प्रिंट चंद मिनटों में बनाया जा सकता है और बेहतर रीडर के लिए और बेहतर मोल्डिंग तैयार की जा सकती है।
वो कहते हैं, "हम इस डिवाइस के माध्यम से बाज़ार में एक नया फ़ीचर जोड़ रहे हैं।"
बायोमीट्रिक कंपनी वकांसी ने उपभोक्ताओं को आगाह किया कि कैसे मौजूदा स्मार्टफ़ोन फ़िंगरप्रिंट सेंसर को क्ले से बनी बनावटी उंगलियों की मदद से धोखा दिया जा सकता है।
कंपनी ने बताया कि बनावटी उंगलियों की नकल ख़राब होती है इसके बावजूद ये कई फ़ोन के फ़िंगरप्रिंट सेंसर को धोखा दे सकती हैं।
हाई रेजोल्यूशन फ़िंगरप्रिंट रीडर निर्माता वकांसी ने बीबीसी को बताया, "लोअर रिजोल्यूशन सेंसर को क्ले मोल्डिंग की मदद से बनाई गई उंगलियां बेवकूफ बना सकती हैं।"
सेंसर फर्म वकांसी का दावा है कि इसका हाई रेजोल्यूशन रीडर झूठे फ़िंगरप्रिंट को पकड़ने में माहिर है।
वकांसी अध्यक्ष जेसन चैकी कहते हैं, "हमारा डिवाइस अलग है। माइक्रो-फ़ीचर्स को पकड़ने में जितने रिजोल्यूशन की ज़रूरत होती है उससे इसका रिजोल्यूशन चार गुना अधिक है। इनका झूठा फ़िंगरप्रिंट तैयार करना बहुत मुश्किल है।"
किसी व्यक्ति के मोबाइल में घुसना वैसे तो कोई खास मायने नहीं रखता, लेकिन जैसे ही मोबाइल से पेमेंट की बात आती है बनावटी फ़िंगरप्रिंट के ख़तरे बढ़ जाते हैं।
क्ले मोल्डिंग से नकली फ़िंगर प्रिंट चंद मिनटों में बनाया जा सकता है और बेहतर रीडर के लिए और बेहतर मोल्डिंग तैयार की जा सकती है।
वो कहते हैं, "हम इस डिवाइस के माध्यम से बाज़ार में एक नया फ़ीचर जोड़ रहे हैं।"
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